अब कोयला खदानों का होगा डिजिटलीकरण; कोल इंडिया ने लॉन्च किया 'प्रोजेक्ट डिजिकोल'

कोयला खदानों के डिजिटलीकरण के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने “प्रोजेक्ट डिजिकोल”को लॉन्च किया हैं।

अब कोयला खदानों का होगा डिजिटलीकरण; कोल इंडिया ने लॉन्च किया 'प्रोजेक्ट डिजिकोल'
कोल इंडिया ने लॉन्च किया 'प्रोजेक्ट डिजिकोल'

नई दिल्ली : कोयला खदानों के डिजिटलीकरण के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने “प्रोजेक्ट डिजिकोल”को लॉन्च किया हैं। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में इस प्रोजक्ट को लॉन्च किया और प्रोजक्ट की निगरानी और सहायता के लिए एक "डिजिटल वार-रूम" का भी शुभारंभ किया। 

डिजिकोल परियोजना के लॉन्च के साथ ही यह कोल इंडिया की 7 कोयला खदानों में लाइव हो गई, जिसमें एसईसीएल की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानें और एनसीएल की निगाही, जयंत, दुधीचुआ और खड़िया खदानें शामिल हैं। इस परियोजना को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए कोल इंडिया ने सलाहकार के रूप में एक्सेंचर को नियुक्त किया है।

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इस अवसर पर कोल इंडिया के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि डिजिकोल परियोजना कोल इंडिया में डिजिटलीकरण की दिशा मे एक अहम पड़ाव है। यह परियोजना प्रक्रियाओं को और अधिक सक्षम और बेहतर बनाने में मदद करेगी।

कोल इंडिया के निर्देशक (तकनीकी) - डॉ. बी. वीरा रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि यह गर्व की बात है कि कोल इंडिया अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों के साथ भविष्य के लिए मॉडल खदानें स्थापित कर रही है जिससे वैश्विक मानदंडों के मुताबिक विकास को बढ़ावा देने और क्षमता व दक्षता में सुधार करने में मदद मिल सकेगी। 

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कोल इंडिया के निर्देशक(कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) श्री विनय रंजन,  निर्देशक(व्यवसाय विकास) - श्री देबाशीष नंदा, निर्देशक(विपणन) श्री मुकेश चौधरी, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, एसईसीएल के सीएमडी श्री पी.एस. मिश्रा, एनसीएल के सीएमडी श्री भोला सिंह, एक्सेंचर के एमडी (रसायन और प्राकृतिक संसाधन) श्री विनोद कुमार और श्री रणजीत साहू तथा कोल इंडिया, इसकी अनुषंगी कंपनियों एवं एक्सेंचर के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। 

"प्रोजेक्ट डिजिकोल" मजबूत सर्वेक्षण और योजना के लिए ड्रोन की तैनाती, एआई/एमएल आधारित ड्रिल और ब्लास्ट डिजाइन, भारी मशीनों की उपलब्धता और उपयोग को अधिकतम करने के लिए आईओटी आधारित फ्लीट मॉनिटरिंग सिस्टम, भूमि अधिग्रहण प्रबंधन जैसे डिजिटल पोर्टफोलियो के माध्यम से कार्य दक्षता को बढ़ावा देते हुए समग्र उत्पादन में सुधार के लिए उद्योग की अग्रणी प्रथाओं को लागू करने में कोल इंडिया की मदद करेगा। इस पहल से कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया लिमिटेड को 1 बिलियन टन (बीटी) कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

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