दस परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए सरकार ने दी मंजूरी, पढ़िए पूरी खबर
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि दस परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए बड़ी मात्रा में मंजूरी दी गई है।
दस परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली : केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को सूचित किया कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने संयुक्त रूप से पृथ्वी विज्ञान उपग्रह का निर्माण किया है, जिस का नाम हैं "निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार)"
उन्होंने बताया कि दस परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए बड़ी मात्रा में मंजूरी दी गई है।
लोकसभा के पटल पर रखे गए एक बयान में, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा की सरकार ने परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को शामिल किया है।
सरकार ने फ्लीट मोड में 700 मेगावाट प्रत्येक के 10 स्वदेशी दाबित भारी पानी रिएक्टरों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
राज्य |
जगह |
परियोजना |
क्षमता (मेगावाट) |
कर्नाटक |
कैगा |
कैगा-5 और 6 |
2 एक्स 700 |
हरियाणा |
गोरखपुर |
जीएवीपी- 3 और 4 |
2 एक्स 700 |
मध्य प्रदेश |
चुटका |
चुटका-1 और 2 |
2 एक्स 700 |
राजस्थान |
माही बांसवाड़ा |
माही बांसवाड़ा-1 एवं 2 |
2 एक्स 700 |
माही बांसवाड़ा-3 व 4 |
2 एक्स 700 |
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सरकार ने 2015 में परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन किया है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ एनपीसीआईएल के संयुक्त उद्यम को परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने हेतु सक्षम बनाया जा सके।
इन रिएक्टरों को वर्ष 2031 तक उत्तरोत्तर 'बेड़ा मोड' में 1,05,000 करोड़ की लगत से स्थापित करने की योजना है।
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