बिजली क्षेत्र द्वारा अनुमानित रेक की मांग को पूरा करने हेतु भारतीय रेलवे ने दी कोयला परिवहन को प्राथमिकता
भारतीय रेलवे द्वारा कोयला परिवहन को प्राथमिकता दी गई है जिससे की बिजली क्षेत्र द्वारा अनुमानित रेक की मांग को पूरा किया जा सके। चालू वित्त वर्ष (फरवरी तक) में टनेज और एनटीकेएम के संदर्भ में भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई 11.92% से बढ़कर 24.51% हो गई है।
बिजली क्षेत्र द्वारा अनुमानित रेक की मांग को पूरा करने हेतु भारतीय रेलवे ने दी कोयला परिवहन को प्राथमिकता
भारतीय रेलवे द्वारा कोयला परिवहन को प्राथमिकता दी गई है जिससे की बिजली क्षेत्र द्वारा अनुमानित रेक की मांग को पूरा किया जा सके। चालू वित्त वर्ष (फरवरी तक) में टनेज और एनटीकेएम के संदर्भ में भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई 11.92% से बढ़कर 24.51% हो गई है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न स्त्रोतों से बिजली क्षेत्र के लिए रेकों का लदान पिछले वर्ष के 344 रेक प्रतिदिन के मुकाबले 408 रेक प्रतिदिन हुआ है, यानी प्रतिदिन 641 की वृद्धि हुई है।
अगर हम पिछले वर्ष के मुकाबले देखे तो इस वर्ष प्रतिदिन 27.3 रेक की वृद्धि हुई है । अगर हम आंकड़ों पर नजर डाले तो 2023 के फरवरी महीने में 426.3 रेक प्रतिदिन लोड किया जा रहा है, 22 फरवरी के 399 रेक प्रतिदिन की तुलना में जो रेक की वृद्धि को दर्शाता है।
आगामी वित्तीय वर्ष में विद्युत क्षेत्र द्वारा रेकों की अनुमानित मांग को पूरा करने हेतु निम्नलिखित कार्रवाई की गई है :-
क) अप्रैल-22 से जनवरी-23 के दौरान कोयला ले जाने वाले वैगन-7692 बीओएक्सएनएचएल और 1052 बीओबीआरएन वैगनों को शामिल किया गया है। लगभग 32,534 BOXNHL और 2450 BOBRN वैगन मांगपत्र लंबित हैं।
ख) चालू वित्त वर्ष के दौरान, फरवरी-23 के अंत तक भारतीय रेल के बेड़े में 1018 माल इंजन जोड़े गए हैं। यह बढ़ोतरी आगे भी ऐसे ही जारी रहने की उम्मीद है।
ग) 2022-23 में 4500 किलोमीटर नए ट्रैक चालू होने की संभावना है, जिनमें से अधिकांश कोयला ले जाने वाले मार्गों पर हैं। इससे कोयला ले जाने वाले रेक के टर्नअराउंड में और सुधार होगा।
घ) अगले कुछ वर्षों में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, लगभग 100 से अधिक परियोजनाओं में एक लाख करोड़ रुपये के नियोजित निवेश के साथ एनर्जी कॉरिडोर की व्यापक योजना भी बनाई गई है।
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