उड्डयन क्षेत्र में सतत विकास को दिया जाएगा बढ़ावा, हवाई अड्डों पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु की गई पहल

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक नई दिल्ली में हुई, बैठक का विषय था 'हरियाली हवाई अड्डे'

उड्डयन क्षेत्र में सतत विकास को दिया जाएगा बढ़ावा, हवाई अड्डों पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु की गई पहल
हवाई अड्डों पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु की गई पहल

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक नई दिल्ली में हुई, बैठक का विषय था 'हरियाली हवाई अड्डे'। नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक की अध्यक्षता की जिसमें माननीय सांसद, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (सामान्य) (डॉ.) वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

हरियाली हवाई अड्डे के बारे में सदस्यों को जानकारी देते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत के विमानन क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में 137 एयरपोर्ट, 2 वाटर एयरोड्रोम और 9 हेलीपोर्ट समेत 148 ऑपरेशनल एयरपोर्ट हैं। 
श्री सिंधिया ने बताया कि विमानन क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने और हवाई अड्डों पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने भारतीय हवाई अड्डों के कार्बन लेखांकन और रिपोर्टिंग ढांचे को मानकीकृत करने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन पर लोगो के बीच जागरूकता पैदा करने हेतु ज्ञान साझा करने वाले सत्रों का आयोजन भी किया।
मंत्रालय ने सभी चालू ब्राउनफील्ड हवाई अड्डों और आगामी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को कार्बन तटस्थता और शुद्ध शून्य प्राप्त करने की दिशा में काम करने की सलाह दी है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग शामिल है। राज्य सरकारों को कार्बन उत्सर्जन में कमी के उपायों को सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, हवाईअड्डा आर्थिक विनियामक प्राधिकरण को सलाह दी गई है कि हवाई अड्डों के टैरिफ निर्धारण के लिए हरित ऊर्जा के उपयोग से जुड़ी लागत को ध्यान में रखा जाए। मंत्रालय ने टिकाऊ विमानन ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भी कदम उठाए हैं।

श्री सिंधिया ने हवाई क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैसों की कमी को दूर करने हेतु शुरू की गई पहलों के बारे में भी बात की, जिसमें हवाई क्षेत्र का लचीला उपयोग, केंद्रीय वायु यातायात प्रवाह प्रबंधन का कार्यान्वयन, प्रदर्शन आधारित नेविगेशन का कार्यान्वयन और निरंतर अवतरण संचालन का कार्यान्वयन शामिल है। श्री सिंधिया ने कहा कि दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों ने एसीआई का उच्चतम स्तर 4+ कार्बन प्रमाणन हासिल किया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने मार्च 2023 तक 54 मेगावाट से अधिक की संचयी क्षमता वाले विभिन्न हवाईअड्डों पर पहले ही सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर लिए हैं। अधिकांश हवाई अड्डों को 2023 तक हरित ऊर्जा के 100 प्रतिशत उपयोग और 2030 तक शुद्ध शून्य प्राप्त करने का लक्ष्य दिया गया है।

नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक में उपस्थित सभी माननीय सांसदों को उनके बहुमूल्य सुझाव के लिए धन्यवाद दिया।

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