एमएएचएसआर सी-2 पैकेज: एनएचएसआरसीएल ने खोली वित्तीय बोलियां

नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने MAHSR C-2 पैकेट के तहत मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए महाराष्ट्र राज्य में भारत की पहली 7 किमी लंबी अंडरसी टनल और 21 किमी लंबी सुरंग के निर्माण के लिए वित्तीय बोली खोली

एमएएचएसआर सी-2 पैकेज: एनएचएसआरसीएल ने खोली वित्तीय बोलियां
एमएएचएसआर सी-2 पैकेज: एनएचएसआरसीएल ने खोली वित्तीय बोलियां

नई दिल्ली : नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने MAHSR C-2 पैकेट के तहत मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए महाराष्ट्र राज्य में भारत की पहली 7 किमी लंबी अंडरसी टनल और 21 किमी लंबी सुरंग के निर्माण के लिए वित्तीय बोली खोली। इस टेंडर की टेक्निकल बिड 9 फरवरी 2023 को खोली गई थी। तकनीकी रूप से योग्य 2 बोलीदाताओं की वित्तीय बोलियां 07-अप्रैल-2023 को खोली गईं और बोली के दौरान मैसर्स एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने सबसे कम की बोली लगाई है।

यह भी पढ़ें : एनटीपीसी कोलडैम को एचआर और सीएसआर में उत्कृष्टता के लिए प्लेटिनम पुरस्कार से किया गया सम्मानित

परियोजना के बारे में जानकारी :-

• सुरंग महाराष्ट्र राज्य में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के बीच होगी।

• ठाणे क्रीक (इंटरडाइडल जोन) में लगभग 7 कि.मी अंडरसी सुरंग देश में आने वाली पहली अंडरसी सुरंग होगी।

• टनल अप और डाउन दोनों के ट्विन ट्रैक को समायोजित करने के लिए सिंगल ट्यूब टनल होगी। पैकेज के हिस्से के रूप में 37 स्थानों पर 39 उपकरण कक्षों का निर्माण सुरंग स्थल के साथ-साथ किया जाएगा।

 

यह भी पढ़ें : सार्वजनिक उपक्रम दिवस के अवसर पर WCL मुख्यालय में हुआ वाक् प्रतियोगिता का आयोजन

• इस टनल को बनाने के लिए 13.1 मीटर डायमीटर वाले कटर हेड वाले टीबीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। आम तौर पर एमआरटीएस-मेट्रो प्रणाली में उपयोग की जाने वाली शहरी सुरंगों के लिए 5-6 मीटर व्यास वाले कटर हेड का उपयोग किया जाता है।

• सुरंग के लगभग 16 किमी हिस्से को बनाने के लिए तीन टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा और शेष 5 किमी का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) के माध्यम से होगा।

• यह सुरंग जमीनी स्तर से लगभग 25 से 65 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण स्थल शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा।

यह भी पढ़ें : कोल इंडिया लिमिटेड ने भारत में भूमिगत खानों (यूजी) को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ बैठक का किया आयोजन