कोयला मंत्रालय ने तीन साल से भी कम समय में की 87 खानों की सफलतापूर्वक नीलामी

"आत्मनिर्भर भारत" के विज़न के साथ, प्रधानमंत्री ने जून, 2020 में कोयला खान की वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरण की शुरुआत की थी। उसके बाद कोयला क्षेत्र को खोलने के लिए खनिज कानूनों में संशोधन किया गया था, ताकि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को एक समान अवसर प्रदान किया जा सके

कोयला मंत्रालय ने तीन साल से भी कम समय में की 87 खानों की सफलतापूर्वक नीलामी
कोयला मंत्रालय ने तीन साल से भी कम समय में की 87 खानों की सफलतापूर्वक नीलामी

नई दिल्ली : "आत्मनिर्भर भारत" के विज़न के साथ, प्रधानमंत्री ने जून, 2020 में कोयला खान की वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरण की शुरुआत की थी। उसके बाद कोयला क्षेत्र को खोलने के लिए खनिज कानूनों में संशोधन किया गया था, ताकि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को एक समान अवसर प्रदान किया जा सके और अंतिम उपयोग पर बिना किसी प्रतिबंध के कोयला खानों की नीलामी की अनुमति दी जा सके - इन खानों से प्राप्त कोयले का उपयोग स्वयं की खपत, बिक्री या किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया जा सकता है।

कोयला खानों की वाणिज्यिक नीलामी की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

・कोयले की बिक्री और/या उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं।
・अग्रिम राशि और बोली की सुरक्षित राशि में कमी।
・व्यापक भागीदारी को सक्षम करने के लिए तकनीकी या वित्तीय पात्रता मानदंड का निर्धारण नहीं।
・आंशिक रूप से अन्वेषण किये गए कोयला खानों के मामले में कोयला खान के हिस्से को छोड़ने की अनुमति।
・राष्ट्रीय कोयला सूचकांक और राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक को पेश किया गया।
・निश्चित धनराशि प्रति टन आधारित नीलामी के बजाय प्रतिशत में राजस्व-साझा करने की व्यवस्था को अपनाया गया।
・कोयला के उत्पादन शीघ्र शुरू करने को बढ़ावा देने और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन।
・स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई।
・उच्च राजस्व प्राप्ति और रोजगार सृजन।
・कोयला खानों के आसपास के क्षेत्रों का विकास।
・तीन साल से भी कम समय में नीलामी के छह चरणों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है और 87 कोयला खानों की नीलामी की गई है। इन खानों से 
    करीब 33,200 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति होने और लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।

 

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वाणिज्यिक खनन से अनुमान

 

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व्यवसाय में आसानी के लिए कोयला मंत्रालय ने एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली (एसडब्ल्यूसीएस ) पोर्टल की परिकल्पना की है। एसडब्ल्यूसीएस, कोयला मंत्रालय का अभिनव प्रयास है, ताकि कोयला खानों को शीघ्र परिचालन शुरू करने हेतु विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने के लिए एक प्लेटफार्म तैयार किया जा सके। इसके परिणामस्वरूप, एकल खिड़की के माध्यम से देश में कोयले के उत्पादन में वृद्धि होगी। कोयला खान शुरू करने के लिए आवश्यक सभी वैधानिक मंजूरी (केंद्रीय मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य सरकार के विभागों/एजेंसियों समेत ) को मापने का भी प्रस्ताव है। पोर्टल, अनुमोदन/मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रासंगिक आवेदन प्रारूपों के साथ-साथ प्रक्रिया प्रवाह को भी मापेगा।

कोयला मंत्रालय 29 मार्च, 2023 को कुल 106 कोयला ब्लॉकों के लिए 7वें दौर की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर रहा है। प्रस्तावित कोयला खानों का चयन निवेशकों की विभिन्न मांगों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। कोयला मंत्रालय, राष्ट्र के आर्थिक विकास और प्रगति के लिए कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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