अब मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे छात्र; NCERT ने 12वीं के पाठ्यक्रम में किया बड़ा बदलाव

NCERT ने अपने पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैI इतिहास की किताब के साथ-साथ 12वीं की नागरिक शास्त्र के पाठ्यक्रम भी बदले गए हैं।

अब मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे छात्र; NCERT ने 12वीं के पाठ्यक्रम में किया बड़ा बदलाव
NCERT ने अपने पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए है

नई दिल्ली : NCERT ने अपने पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैI इतिहास की किताब के साथ-साथ 12वीं की नागरिक शास्त्र के पाठ्यक्रम भी बदले गए हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) ने कक्षा 12वीं के इतिहास के सिलेबस में 2023-24 के सेशन के लिए कई बदलाव किए हैं। इनमें से मुगलों से जुड़े कुछ सिलेबस को हटा दिया गया है। इन बदलावों के तहत अब 12वीं कक्षा के बच्चों को मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा। इस बदलाव के बाद CBSE और यूपी बोर्ड समेत कुछ अन्य राज्य बोर्ड के सिलेबस में भी बदलाव किया जा सकता है जो NCERT को फॉलो करते हैं। 

एनसीईआरटी ने 'विश्व राजनीति में अमेरिकी आधिपत्य' और 'द कोल्ड वॉर एरा' जैसे चैप्टर को हटा दिए हैं। इसके अलावा 'लोकप्रिय आंदोलनों का उदय' और 'एकदलीय प्रभुत्व का युग' के सिलेबस को कक्षा 12वीं की किताब से 'स्वतंत्रता के बाद से भारतीय राजनीति' से हटा दिए गए हैं। 
 

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क्या-क्या बदलाव हुए हैं ?         

NCERT ने कक्षा 12वीं के हिंदी विषय के सिलेबस में कई बड़े बदलाव किए हैं। सत्र 2023-24 के लिए किए गए बदलाव में CBSE 12वीं की 'हिंदी आरोह भाग-2' से फिराक गोरखपुरी की गजल और 'अंतरा भाग दो' से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 'गीत गाने दो मुझे' को हटा दिया गया है। NCERT ने विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी NCERT ने 'अंतरा भाग दो' से हटा दिया है। नागरिक शास्त्र की किताब से अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का सिलेबस भी हटा दिया गया है। इस फैसले को शैक्षिक सत्र 2023-24 से लागू किया जा रहा है।   

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इस बदलाव पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि हमारी संस्कृत हमारी सांस्कृतिक विरासत है। हम अपनी नई पीढ़ी का परिचय विरासत से कराना चाहते हैं। पुराने काल में लोगों को हमारी संस्कृति से वंचित किया जा रहा था और इसे लोगों को बताया नहीं जा रहा था। हम लोगों को असली संस्कृति के बारे में बताएंगे।

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