ग्रामीण विकास मंत्रालय का 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ हुआ समझौता, लगभग 31,067 युवाओं को मिलेगा प्रक्षिशण रोजगार

ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जाएगा। जिससे ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और इस योजना के तहत लगभग 31,067 ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रक्षिशण और लाभकारी रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय का 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ हुआ समझौता, लगभग 31,067 युवाओं को मिलेगा प्रक्षिशण रोजगार
ग्रामीण विकास मंत्रालय का 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ हुआ समझौता


नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जाएगा। जिससे ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और इस योजना के तहत लगभग 31,067 ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रक्षिशण और लाभकारी रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY) में न्यूनतम 6 महीने की अवधि के लिए  प्रक्षिशित युवाओं को न्यूनतम 10000/प्रति माह वेतन मिलेगा। डीडीयू-जीकेवाई का मूल उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्थायी रूप से लाभकारी प्लेसमेंट प्रदान करना है, इसलिए वर्ष 2020 में अंत्योदय दिवस के अवसर पर कैप्टिव रोजगार की अवधारणा की परिकल्पना की गई और इसे लॉन्च किया गया।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।  वह उन कुछ उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे, जिन्होंने डीडीयू-जीकेवाई के तहत समान प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं I  

श्री गिरिराज सिंह के निर्देश पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत कैप्टिव रोजगार (इन हाउस ) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवारों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सकें और उन्हें रोजगार मिल सकें। कैप्टिव रोजगार मॉडल नियोक्ताओं को ग्रामीण युवाओं का चयन करने, उन्‍हें कौशल प्रदान करने और उन्हें अपने प्रतिष्ठान/अपनी अन्‍य संस्था/सहायक कंपनियों में तैनात करने की अनुमति प्रदान करता है।

आरटीडी (भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती) मॉडल को एक तरफ उद्योग की आवश्‍यकताओं को पूरा करने और दूसरी ओर ग्रामीण युवाओं के लिए स्थायी नौकरी सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है। यह मॉडल उद्योग, सरकार और ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। उद्योग अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने कार्य स्थल पर ही इन युवाओं को अधिक व्यावहारिक प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराने में सक्षम होगा, जबकि सरकार ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए अधिक अवधि तक रोजगार (न्यूनतम छह महीने) सुनिश्चित करेगी।

 कैप्टिव नियोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं: लक्ष्य आवंटन में सर्वोच्च प्राथमिकता, प्रदर्शन बैंक गारंटी की छूट, गुणवत्ता मूल्यांकन प्रक्रिया और शुल्क की छूट, उद्योग के संचालन को आसान बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की लगन और डीडीयू-जीकेवाई के कुछ अन्य जनादेश के प्रति दिलचस्‍पी, तीन साल की अवधि के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, उद्योग को अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की प्राप्ति होगी जिससे नुक्‍सान कम होगा और कार्य प्रदर्शन बेहतर होगा और सरकार की प्रशिक्षण लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी।

इसके बदले में कैप्टिव नियोक्ताओं को सभी प्रशिक्षित उम्मीदवारों को कैप्टिव (इन-हाउस) रोजगार देने और 6 महीने की अवधि के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत प्रशिक्षित उम्मीदवारों को 10,000 रुपये के न्‍यूनतम वेतन पर रोजगार उपलब्‍ध कराना है। इसके अलावा 6 महीने से अधिक के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए 12,000 रुपये का रोजगार उपलब्‍ध कराना है।

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